बड्लापुर के स्थानीय लोगों ने यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी की मौत पर मिठाई बांटी

बड्लापुर के यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे की कथित ‘एनकाउंटर’ में हुई मौत ने पूरे शहर में चर्चा का विषय बना दिया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने वैन में एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीनकर गोली चलाई, जिसके जवाब में पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली मारी, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना ने जनता और राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है।

मुख्य आरोपी की ‘एनकाउंटर’ मौत: पुलिस का दावा और परिवार का विरोध

थाने के बड्लापुर में दो नर्सरी छात्राओं के यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे की मौत सोमवार शाम पुलिस की गोलीबारी में हुई। पुलिस का कहना है कि 24 वर्षीय शिंदे, जो एक स्कूल में सफाईकर्मी था, ने पुलिस वैन में एक अधिकारी की रिवॉल्वर छीनकर तीन राउंड गोली चलाई, जिसके जवाब में पुलिस ने फायरिंग की।

हालांकि, शिंदे के परिवार ने इस घटना को ‘हत्या’ करार दिया है और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनकी मां का कहना है कि उनका बेटा इतनी हिंसक प्रवृत्ति का नहीं था कि वह पुलिस पर गोली चला सके।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया: मिठाई बांटी, खुशी जाहिर की

शहर के स्थानीय लोग इस एनकाउंटर से खुश नजर आए। उन्होंने मिठाई बांटकर इस घटना का जश्न मनाया और कहा कि आरोपी को ऐसी ही सजा मिलनी चाहिए थी। बीते कुछ दिनों से आरोपी की गिरफ्तारी और इस मामले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था, और स्थानीय लोग उसके लिए सख्त सजा की मांग कर रहे थे।

पुलिस की ओर से सफाई और विपक्ष का विरोध

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना को आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई बताया। लेकिन विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं और घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस नेता नाना पटोले ने इस घटना को संदिग्ध बताया और कहा कि यह सबूत मिटाने की कोशिश हो सकती है।

जनता का गुस्सा और विरोध

इस मामले में जब आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, तब भी स्थानीय लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरी को ब्लॉक कर 10 घंटे तक ट्रेन सेवाओं को बाधित कर दिया था, और सार्वजनिक रूप से आरोपी को फांसी की मांग की थी।

विपक्ष के सवाल और न्यायिक जांच की मांग

जहां स्थानीय लोग इस घटना को सही ठहरा रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे जांच की जरूरत वाला मामला बता रहा है। उनका कहना है कि इस एनकाउंटर के पीछे की वास्तविकता का पता लगाना जरूरी है।

निष्कर्ष

अक्षय शिंदे की मौत ने एक बार फिर से पुलिस एनकाउंटर की वैधता और जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता में गुस्से और संतोष की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, जबकि राजनीतिक दल इसे लेकर अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट कर रहे हैं।

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