सूर्य ग्रहण 2024: जानें 2 अक्टूबर को कब लगेगा सूर्य ग्रहण, और समापन के बाद कौन से 5 कार्य करने चाहिए
2024 में साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर, बुधवार को लगने जा रहा है, जो पूरे 6 घंटे और 4 मिनट तक चलेगा। यह ग्रहण विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उसी दिन सर्व पितृ अमावस्या भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन ही पड़ता है, जबकि चंद्र ग्रहण पूर्णिमा पर लगता है। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का सही समय, सूतक काल, और ग्रहण समाप्ति के बाद किए जाने वाले महत्वपूर्ण कार्य।
सूर्य ग्रहण 2024 का समय और सूतक काल
इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर की रात 9:13 बजे शुरू होगा और 3 अक्टूबर की सुबह 3:17 बजे समाप्त होगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल यहां मान्य नहीं होगा। यदि यह भारत में दिखाई देता, तो सूतक काल 12 घंटे पहले यानी 2 अक्टूबर की सुबह से ही शुरू हो जाता।
सूर्य ग्रहण कहां दिखाई देगा?
यह सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से चिली, अर्जेंटीना, ब्राजील, मैक्सिको, और अंटार्कटिका जैसे देशों में दिखाई देगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण का अद्भुत नज़ारा चिली और अर्जेंटीना में देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण के बाद करें ये 5 महत्वपूर्ण कार्य
सफाई और गंगाजल का छिड़काव: ग्रहण समाप्त होते ही सबसे पहले घर के हर हिस्से और पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
1.स्नान और कपड़ों की शुद्धि: ग्रहण के बाद सभी सदस्य स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। साथ ही, पुराने कपड़ों की भी शुद्धि करें।
2.देवी-देवताओं का स्नान और पूजन: पूजा स्थल में सभी देवी-देवताओं को स्नान कराएं, उनके वस्त्र बदलें, और उनकी आरती करें। शंख और घंटी बजाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
3.दान करें: सूर्य ग्रहण के बाद लाल वस्त्र, लाल फल, और लाल फूल का दान करें, क्योंकि ये सभी चीजें सूर्य देव से जुड़ी होती हैं।
4.भोजन की तैयारी: ग्रहण समाप्ति के बाद ही भोजन बनाएं और उसे ग्रहण करें। भोजन में तुलसी के पत्ते अवश्य मिलाएं। गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान किए गए उपायों को अब समाप्त कर सकती हैं।
सूर्य ग्रहण से जुड़े अन्य धार्मिक और ज्योतिषीय पहलू
यह ग्रहण न केवल खगोलीय घटना है, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के समय किए गए उपाय और ध्यान से नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। इस दौरान दान और ध्यान करना अत्यधिक शुभ माना गया है।