यूपी सरकार ने कुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया
महा कुंभ मेला 2025 की तैयारी में जुटी यूपी सरकार ने इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन की पवित्रता बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है।
मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में कुंभ मेला के दौरान मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई है। यह निर्णय इस क्षेत्र की धार्मिक पवित्रता को बनाए रखने के लिए है, क्योंकि यह मेला देश भर से लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
प्रतिबंध का उद्देश्य
योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार का लक्ष्य है कि कुंभ मेला के दौरान एक आध्यात्मिक और अनुकूल वातावरण तैयार किया जाए। इस प्रतिबंध का दायरा प्रमुख धार्मिक स्थलों के आसपास के क्षेत्रों तक फैलेगा, जहाँ श्रद्धालु स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए एकत्र होंगे।
प्रतिबंधित क्षेत्र
- संगम और अन्य धार्मिक स्थल: मेला ग्राउंड, हनुमान मंदिर, त्रिवेणी रोड और किले के क्षेत्र सहित ऐतिहासिक स्थल।
- यमुना और गंगा किनारे: झूसी, अरैल और फाफामऊ जैसे क्षेत्र, जहाँ श्रद्धालु अस्थायी बस्तियाँ स्थापित करेंगे।
पूर्ववर्ती नीतियाँ
यह पहली बार नहीं है जब यूपी सरकार ने धार्मिक आयोजनों के दौरान मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है। इससे पहले भी मेला और अन्य प्रमुख हिंदू त्योहारों के दौरान ऐसे प्रतिबंध लागू किए गए हैं। लेकिन कुंभ 2025 में, प्रतिबंध को और कड़ा किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को सुगम अनुभव मिल सके।
अन्य राज्यों में समान प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश अकेला ऐसा राज्य नहीं है जहाँ धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व के समय इस तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं।
- मथुरा: कृष्ण जन्मभूमि के आसपास 10 किलोमीटर के दायरे में मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध।
- हरिद्वार: गंगा किनारे स्थित इस तीर्थ स्थल पर शराब और मांस की बिक्री पर स्थायी प्रतिबंध है।
- ऋषिकेश: यहाँ भी मांस और शराब पर प्रतिबंध लागू है।
- पुरी: जगन्नाथ मंदिर के निकट मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध।
- पुष्कर: पवित्र पुष्कर झील के आस-पास मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध।
- वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास और गंगा के घाटों पर शराब और मांस की बिक्री पर रोक।
अपेक्षित प्रभाव
यह निर्णय धार्मिक नेताओं और संतों द्वारा स्वागत किया गया है, जिन्होंने इसे कुंभ की पवित्रता बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया है। हालांकि, स्थानीय व्यवसायियों, विशेष रूप से मांस और शराब के विक्रेताओं, के लिए यह एक चुनौती बन सकता है।
लागू करने की चुनौतियाँ
सरकार इस दौरान कड़ी निगरानी और चेकपॉइंट स्थापित करेगी ताकि श्रद्धालुओं को एक आध्यात्मिक वातावरण सुनिश्चित किया जा सके। लेकिन इस प्रकार के बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लागू करना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि प्रयागराज एक विस्तृत शहर है और यहाँ अस्थायी बस्तियों का विस्तार होगा।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
कुंभ मेला एक विशाल तीर्थ यात्रा है जहाँ लाखों हिंदू श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए एकत्र होते हैं, जिसे पवित्रता और मोक्ष की प्राप्ति का माध्यम माना जाता है।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय मेला 2025 के दौरान प्रयागराज में मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का यह प्रतिबंध श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए पवित्रता को बनाए रखने के लिए है।
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