UP उपचुनाव से पहले BJP का बड़ा एक्शन! इन 4 नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता
BJP ने 4 नेताओं को निष्कासित किया: जानें कौन हैं ये नेता और क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चौंकाने वाला फैसला लिया है। पार्टी ने अपने 4 बड़े नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। आखिर ये 4 नेता कौन हैं और उनके निष्कासन के पीछे क्या वजह है? आइए, विस्तार से जानते हैं…
कौन हैं वो 4 नेता जिन्हें BJP ने निकाला?
बीते दिनों लखीमपुर खीरी में BJP विधायक योगेश वर्मा के साथ हुई एक विवादित घटना के बाद पार्टी ने सख्त कदम उठाते हुए 4 नेताओं को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। इनमें प्रमुख नाम लखीमपुर खीरी के वकील और बार काउंसिल के अध्यक्ष अवधेश सिंह का है। उनके साथ उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, जो अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की पूर्व अध्यक्ष रह चुकी हैं, भी शामिल हैं। इसके अलावा अनिल यादव, जो BJP के जिला अध्यक्ष थे, और ज्योति शुक्ला, एक स्थानीय BJP नेता, को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
यह घटना 9 अक्टूबर की है, जब लखीमपुर खीरी में बैंक चुनाव के दौरान विवाद छिड़ गया। अवधेश सिंह और BJP विधायक योगेश वर्मा के बीच तीखी बहस हुई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई। बताया जा रहा है कि अवधेश सिंह ने योगेश वर्मा पर थप्पड़ बरसाए, जिससे माहौल और गर्म हो गया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया। घटना ने इतना तूल पकड़ा कि BJP को अपनी साख बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई करनी पड़ी।
BJP ने क्यों लिया सख्त एक्शन?
10 अक्टूबर को BJP के प्रदेश महासचिव गोविंद नारायण शुक्ला ने चारों नेताओं के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए विधायक योगेश वर्मा ने 25 अन्य विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मुलाकात की और इस घटना पर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद पार्टी ने तुरंत इन चारों नेताओं को निष्कासित करने का फैसला लिया।
BJP की सख्ती से क्या संदेश मिला?
उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनाव से पहले पार्टी की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश है। इससे यह साफ हो गया है कि BJP अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी ने यह कदम उठाकर यह भी सुनिश्चित किया है कि विपक्ष के पास इसे लेकर कोई बड़ा हथियार न हो सके।
निष्कर्ष
इस घटना के बाद BJP ने स्पष्ट कर दिया है कि अनुशासन और साख उसके लिए सर्वोपरि है। पार्टी का यह कड़ा फैसला न सिर्फ इन 4 नेताओं के राजनीतिक करियर को प्रभावित करेगा, बल्कि आगामी उपचुनाव में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।