Do Patti Movie Review: क्या काजोल और कृति की ‘दो पत्ती’ में है दम?

आज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई ‘दो पत्ती’ को लेकर दर्शकों में उत्सुकता थी, लेकिन क्या यह फिल्म अपनी अपेक्षाओं पर खरा उतरती है? आइए जानते हैं इस फिल्म के बारे में विस्तार से।

कहानी की कमजोर नींव

‘दो पत्ती’ की कहानी कुछ खास नहीं है। इसमें पुराने कथानकों को मिलाकर एक नया सस्पेंस क्रिएट करने की कोशिश की गई है, जो पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है। फिल्म की शुरुआत से ही स्पष्ट हो जाता है कि यह कहानी कहीं और से ली गई है। काजोल, जो कि इस फिल्म में पुलिस ऑफिसर विद्या ज्योति का किरदार निभा रही हैं, अपने अभिनय से प्रभावित करने में असफल रहीं। उनका डायलॉग डिलीवरी बनावटी और अनप्रभावी प्रतीत होती है, जिससे दर्शकों को निराशा हुई है।

कृति सेनन का डबल रोल

फिल्म की कहानी जुड़वा बहनों सौम्या और शैली के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनका किरदार कृति सेनन ने निभाया है। कृति ने न केवल अभिनय किया है, बल्कि फिल्म को प्रोड्यूस भी किया है। लेकिन, दोहरी भूमिका में वह कहीं न कहीं खुद को साबित करने में असफल रहीं। दोनों किरदारों में कुछ भिन्नता की कमी महसूस होती है, जिससे कहानी में कोई खास ताजगी नहीं आती।

निर्देशन में कमी

शशांक चतुर्वेदी का निर्देशन भी कुछ खास प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहा। पहले भाग में फिल्म की रफ्तार धीमी है, जबकि दूसरे भाग में कुछ दृश्यों को अनावश्यक रूप से ठूंसा गया है। यह बात फिल्म को बोरिंग बनाती है, और दर्शकों की रुचि को बनाए रखने में असमर्थ होती है।

क्या देखें या न देखें?

यदि आप एक साधारण मनोरंजन की तलाश में हैं, तो आप ‘दो पत्ती’ को एक बार देख सकते हैं। लेकिन, अगर आप एक अच्छी कहानी और दमदार अभिनय की उम्मीद कर रहे हैं, तो शायद आपको निराशा हाथ लगेगी। मेरी तरफ से इस फिल्म को 1.5 स्टार

निष्कर्ष

‘दो पत्ती’ में कहानी और अभिनय दोनों ही क्षेत्रों में कमी है। काजोल और कृति के फैंस को शायद थोड़ी निराशा हो सकती है। हालांकि, यह फिल्म एक बार देखने लायक हो सकती है यदि आप समय पास करना चाहते हैं।

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