हिंदू मंदिरों की बर्बरता: ईएएम जयशंकर की चिंता
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार (5 नवंबर 2024) को कनाडा में एक हिंदू मंदिर में हुई बर्बरता को बेहद चिंताजनक बताया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में पत्रकारों से कहा, “कनाडा में हिंदू मंदिर के साथ जो कुछ हुआ, वह निश्चित रूप से गंभीर चिंता का विषय है।”
बर्बरता का संदर्भ
यह घटना तब हुई है जब ओटावा ने छह भारतीय राजनयिकों को निकाला था, जिनका संबंध 2023 में कनाडा में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या से जोड़ा गया है। कनाडा ने भारतीय सरकार पर दक्षिण एशियाई dissidents के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाने का आरोप लगाया है, जिसे भारत ने खारिज किया है।
ऑस्ट्रेलिया का समर्थन
पिछले महीने, कैनबरा में भी दो हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया था। इस पर ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि यह भारतीय समुदाय के सदस्यों के लिए निराशाजनक था। उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया में लोगों को सुरक्षित और सम्मानित होने का अधिकार है। साथ ही, लोगों को शांतिपूर्ण विरोध और विचारों के अभिव्यक्ति का अधिकार भी है। लेकिन हम हिंसा, घृणा को भड़काने या बर्बरता के बीच अंतर करते हैं।”
वोंग ने कनाडा में सिख अलगाववादियों के खिलाफ आरोपों के संदर्भ में भारत को अपनी राय व्यक्त की है और कनबरा ने कनाडा की न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान किया है।
भारत की प्रतिक्रिया
जयशंकर ने यह भी कहा कि भारतीय राजनयिकों पर कनाडा द्वारा निगरानी रखना अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, “कनाडा ने बिना किसी विशिष्ट जानकारी के आरोप लगाने की एक प्रवृत्ति विकसित की है।”
निष्कर्ष
इस स्थिति के बढ़ते तनाव और बर्बरता की घटनाओं के बीच, हमें एकजुट होकर इस प्रकार की हिंसा का विरोध करना चाहिए। क्या आपको लगता है कि इस मुद्दे का समाधान क्या हो सकता है? अपने विचार नीचे साझा करें!