गोल्डन टेंपल में सुखबीर सिंह बादल पर हमला: पंजाब में फिर से साजिश की आशंका
अमृतसर, 4 दिसंबर: बुधवार सुबह गोल्डन टेंपल के प्रवेश द्वार पर शिरोमणि अकाली दल (SAD) नेता सुखबीर सिंह बादल पर एक व्यक्ति ने गोली चलाई। उस समय सुखबीर सिंह बादल व्हीलचेयर पर थे और सेवक की वेशभूषा में मंदिर के बाहर अपनी धार्मिक सजा काट रहे थे।
हमलावर की पहचान और पुलिस का बयान
पुलिस ने हमलावर की पहचान नारायण सिंह चौरा के रूप में की है, जिसे तुरंत हिरासत में ले लिया गया। हालांकि, अभी तक हमले के पीछे की मंशा स्पष्ट नहीं हो पाई है।
एडीसीपी हरपाल सिंह ने कहा, “यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। सुखबीर जी को पूरी सुरक्षा दी गई थी। नारायण सिंह चौरा कल भी यहां मौजूद था और आज उसने पहले गुरु के चरणों में मत्था टेका।”
उन्होंने यह भी कहा, “शूटर ने गड़बड़ी करने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाया।”
राजनैतिक प्रतिक्रिया: “पंजाब को आग में झोंकने की साजिश”
शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने इस घटना को पंजाब को अस्थिर करने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, “यह पंजाब को फिर से आग में धकेलने की बड़ी साजिश है। सुखबीर सिंह बादल जो सेवक के रूप में अपनी सजा काट रहे थे, उन पर हमला किया गया। मैं भगवान का धन्यवाद करता हूं कि उनकी जान बच गई। मैं मुख्यमंत्री भगवंत मान से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने राज्य की सुरक्षा के लिए क्या किया है?”
हमले के बाद हarsimrat kaur का पहुंचना
घटना के तुरंत बाद सुखबीर बादल की पत्नी और एसएडी सांसद हरसिमरत कौर भी गोल्डन टेंपल पहुंचीं। उन्होंने घटना को लेकर चिंता जताई और सुरक्षा की मांग की।
पृष्ठभूमि: धार्मिक सजा और सुखबीर बादल की सेवा
यह हमला ऐसे समय हुआ जब सुखबीर बादल और अन्य एसएडी नेताओं को पांच सिख उच्च पुजारियों द्वारा धार्मिक कदाचार के लिए दोषी ठहराया गया था। इन पर 2007 से 2017 तक के अकाली दल के कार्यकाल के दौरान “धार्मिक गलतियों” का आरोप था।
पुजारियों के निर्देशानुसार, बादल को सेवक की वेशभूषा में गोल्डन टेंपल और अन्य प्रमुख गुरुद्वारों के बाहर जूते साफ करने, बर्तन धोने और अन्य सार्वजनिक प्रायश्चित करने का आदेश दिया गया था।
पंजाब में बढ़ता तनाव
यह घटना पंजाब में राजनीतिक और धार्मिक तनाव को और बढ़ा सकती है। ऐसे में राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।