दिल्ली-एनसीआर में किसानों के मार्च से ट्रैफिक जाम और कड़ी सुरक्षा, अंबाला में इंटरनेट बंद

दिल्ली की ओर किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च आज शंभू सीमा से शुरू होने वाला है। यह मार्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और अन्य सुधारों की मांग को लेकर आयोजित किया जा रहा है। इस बीच, दिल्ली में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और कई क्षेत्रों में भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है, जहां सीमाओं और केंद्रीय दिल्ली में पुलिस का तगड़ा इंतजाम किया गया है।

दिल्ली सीमा पर बढ़ी सुरक्षा और ट्रैफिक जाम

दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है और सभी सीमा क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। खासकर, सिंघु सीमा पर पुलिस ने चेकिंग के लिए भारी तैनाती की है, जबकि शंभू सीमा पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत के हिसाब से तैनाती बढ़ाई जाएगी।”

अंबाला में इंटरनेट बंद और आंदोलन पर पाबंदी

अंबाला जिले में किसानों के मार्च को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं 9 दिसंबर तक निलंबित कर दी गई हैं। अंबाला में धारा 144 के तहत 5 या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा, जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी पैदल मार्च या वाहन रैली अब तक के लिए प्रतिबंधित रहेगी। इस निर्णय के बाद अंबाला के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को भी बंद करने का आदेश दिया गया है।

किसानों के आक्रोश के पीछे क्या है?

किसानों का मुख्य मुद्दा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी है। इसके अलावा, वे कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में वृद्धि पर रोक और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने 2020-21 के आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की पुनः बहाली की भी मांग की है।

किसानों के शांति प्रदर्शन की उम्मीद

किसान नेताओं ने पुलिस से यह वादा किया है कि वे इस मार्च के दौरान शांति बनाए रखेंगे और ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग नहीं करेंगे। शंभू सीमा पर पंजाब डीआईजी (पटियाला रेंज) मंडीप सिंह सिद्धू और एसएसपी (पटियाला) नानक सिंह ने किसान नेताओं से मुलाकात की और उन्हें शांति बनाए रखने का आश्वासन प्राप्त किया।

दिल्ली में क्या इंतजाम हैं?
दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है और सिंघु सीमा पर पानी की बौछारें और कंक्रीट बैरिकेड्स लगाए गए हैं। साथ ही, केंद्रीय अर्धसैन्य बलों को भी तैनात किया गया है। पुलिस ने बताया कि वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

किसानों के आंदोलन का महत्व

यह आंदोलन किसानों द्वारा किए गए कई आंदोलनों का हिस्सा है, जिनमें 2020-21 में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किया गया प्रदर्शन प्रमुख था। किसानों का कहना है कि इन कानूनों के लागू होने से उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा।

किसान आंदोलन की भविष्यवाणी

यह आंदोलन केवल MSP से संबंधित नहीं है, बल्कि किसानों की अन्य समस्याओं के समाधान के लिए एक व्यापक आंदोलन बन गया है। यदि सरकार इन मांगों पर कार्रवाई नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में यह आंदोलन और भी तेज हो सकता है।

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