पूर्व कर्नाटका मुख्यमंत्री एस. एम. कृष्णा का निधन, 11 दिसंबर को मंड्या जिले में राज्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

पूर्व कर्नाटका के मुख्यमंत्री और विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा का 10 दिसंबर 2024 को उनके बेंगलुरु स्थित निवास पर निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे और लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन के बाद कर्नाटका और पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। एस. एम. कृष्णा का योगदान कर्नाटका की राजनीति, आईटी और बायोटेक उद्योग के विकास में बेहद महत्वपूर्ण रहा है।

कर्नाटका सरकार ने किया तीन दिनों का राज्य शोक घोषित

कर्नाटका सरकार ने एस. एम. कृष्णा के निधन पर तीन दिनों का राज्य शोक घोषित किया है। 11 दिसंबर को उनके गृह गांव मंड्या में उनका अंतिम संस्कार राज्य सम्मान के साथ किया जाएगा। इसके अलावा, कर्नाटका में सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और कॉलेजों में 11 दिसंबर को अवकाश रहेगा।

एस. एम. कृष्णा का राजनीतिक जीवन

एस. एम. कृष्णा का राजनीति में लंबा और समर्पित जीवन रहा। उन्होंने कर्नाटका के मुख्यमंत्री के रूप में 1999 से 2004 तक कार्य किया और इस दौरान राज्य के आईटी और बायोटेक उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण नीतियां बनाई। उनकी अगुवाई में कर्नाटका ने “ब्रांड बैंगलोर” को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। उन्होंने राज्य में कई विकासात्मक पहल की शुरुआत की, जिनमें बेंगलुरु की इंफ्रास्ट्रक्चर और उद्योगों के लिए बनाए गए “विजन ग्रुप्स” शामिल हैं।

एस. एम. कृष्णा का कर्नाटका के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल कर्नाटका के आईटी क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। उन्होंने बैंगलोर को “सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया” के रूप में स्थापित किया और यह कर्नाटका के आईटी सेक्टर के लिए एक बुनियादी ढांचा तैयार करने का श्रेय जाता है। इसके अलावा, उन्होंने भारत सरकार में विदेश मंत्रालय, महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।

नेताओं और उद्योगपतियों की श्रद्धांजलि

एस. एम. कृष्णा के निधन पर देशभर के नेताओं और उद्योगपतियों ने शोक व्यक्त किया है:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “एस. एम. कृष्णा एक महान नेता थे और उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी सोच हमेशा लोगों की भलाई के लिए काम करती थी। वह हमेशा अपने कार्यों से दूसरों के जीवन को सुधारने का प्रयास करते थे।”
  • कर्नाटका के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “एस. एम. कृष्णा का योगदान कर्नाटका के आईटी और बायोटेक क्षेत्र में अविस्मरणीय रहेगा। उनका निधन हमारे राज्य और देश के लिए अपूरणीय क्षति है।”
  • किरण मजुमदार शॉ, बायोकॉन की चेयरपर्सन, ने कहा, “एस. एम. कृष्णा एक महान विचारक और दूरदर्शी थे। उनके कारण ही बैंगलोर को आईटी और बायोटेक में वैश्विक पहचान मिली। उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।”
  • बीडी. नायडू, कर्नाटका डिजिटल इकोनॉमी मिशन के अध्यक्ष, ने कहा, “उनके योगदान से ही बैंगलोर और कर्नाटका आईटी के क्षेत्र में अग्रणी बना। उनका निधन आईटी समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है।”
  • पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. देवगौड़ा और कर्नाटका के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भी एस. एम. कृष्णा के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

एस. एम. कृष्णा की जीवन यात्रा

एस. एम. कृष्णा का जीवन राजनीति में समर्पण, ईमानदारी, और जनता के लिए काम करने का प्रतीक था। उन्होंने कर्नाटका के मुख्यमंत्री के रूप में कर्नाटका की इन्फ्रास्ट्रक्चर और उद्योगों को मजबूती दी। उनके नेतृत्व में कर्नाटका का आईटी क्षेत्र तेजी से विकसित हुआ और बैंगलोर को आईटी हब के रूप में पहचान मिली।

उनका व्यक्तित्व भी बहुत ही नम्र और सरल था, जिससे वे न केवल कर्नाटका, बल्कि पूरे देश में लोगों के दिलों में बस गए थे। उन्होंने हमेशा विकास, शिक्षा, और समाज सेवा को प्राथमिकता दी। उनका योगदान आज भी कर्नाटका और भारत के विभिन्न हिस्सों में महसूस किया जाता है।

उनका निधन: देश और राज्य के लिए अपूरणीय क्षति

एस. एम. कृष्णा का निधन न केवल कर्नाटका, बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके नेतृत्व में किए गए विकास कार्य और उनके द्वारा स्थापित की गई नीतियों का असर आने वाली पीढ़ियों तक रहेगा। उनकी जुदाई ने देशभर में एक शून्य छोड़ दिया है, जिसे भरना असंभव होगा।

उनका जीवन और कार्य सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा, और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

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