मार्क जुकरबर्ग ने डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दो हफ्ते बाद ₹8.3 करोड़ का दान किया – जानिए इसके पीछे की कहानी

डोनाल्ड ट्रंप के साथ निजी बैठक के बाद, मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने ₹8.3 करोड़ (1 मिलियन डॉलर) का दान किया, जिससे दोनों के बीच के जटिल संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है।

जुकरबर्ग का बड़ा योगदान

मेटा (Meta) के सीईओ और दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति, मार्क जुकरबर्ग, ने हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन फंड में ₹8.3 करोड़ (1 मिलियन डॉलर) का दान दिया है। यह कदम उनकी मार-ए-लागो (Mar-a-Lago) में ट्रंप से हुई निजी बैठक के महज दो हफ्ते बाद सामने आया है। यह खबर सबसे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट की थी, और अब इसे एक संभावित नीति सहयोग की दिशा में बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

ट्रंप और जुकरबर्ग के बीच निजी बैठक

मार्क जुकरबर्ग और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई इस गोपनीय बैठक में अमेरिका में तकनीकी नवाचार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि, इस बैठक की विस्तृत जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। मेटा के प्रवक्ता के अनुसार, जुकरबर्ग ने ट्रंप की टीम से मुलाकात की थी, लेकिन थैंक्सगिविंग समारोह में शामिल हुए बिना ही बैठक छोड़ दी।

जुकरबर्ग की तकनीकी नीतियों में रुचि

जुकरबर्ग के इस दान को ट्रंप प्रशासन के तहत तकनीकी नीतियों को प्रभावित करने के लिए एक सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। यह कदम ऐसे समय पर आया है जब मेटा ने जनवरी 2021 के कैपिटल हिंसा के बाद ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट्स को बैन कर दिया था।

ट्रंप और जुकरबर्ग के जटिल रिश्ते

जुकरबर्ग और ट्रंप का रिश्ता हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। जहां एक तरफ मेटा ने 2021 में ट्रंप के अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया था, वहीं दूसरी तरफ ट्रंप ने जुकरबर्ग पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया और यहां तक कि उन्हें जेल भेजने की बात कही थी।

हालांकि, 2023 में मेटा ने ट्रंप के अकाउंट्स को बहाल कर दिया, जो नीति में बदलाव का संकेत था। बाद में, जुकरबर्ग ने ट्रंप के एक घटना के दौरान दिखाए गए साहस की प्रशंसा की और हाल ही में ट्रंप की चुनावी जीत पर उन्हें बधाई भी दी। यह सब संकेत देता है कि दोनों के रिश्तों में अब सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

भविष्य की नीतियों पर प्रभाव

यह दान और बैठक दर्शाते हैं कि मेटा, ट्रंप प्रशासन के तहत तकनीकी नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की योजना बना रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम व्यापक स्तर पर ध्यान आकर्षित करेगा और तकनीकी क्षेत्र में जुकरबर्ग की बढ़ती भागीदारी को उजागर करेगा।

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