महाकुंभ 2025: संगम की रेती पर सनातन शक्ति का प्रदर्शन, तीन अखाड़े एक साथ दिखाएंगे संस्कृति की ताकत
आज तीन अखाड़ों की सामूहिक छावनी प्रवेश शोभायात्रा केपी इंटर कॉलेज से निकलेगी

महाकुंभ के आयोजन में आज एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जब तीन प्रमुख वैष्णव अखाड़े—निर्मोही, निर्वाणी और दिगंबर—साथ मिलकर छावनी प्रवेश में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। ये शोभायात्रा आज केपी इंटर कॉलेज परिसर से शुरू होगी, जिसमें तलवार, भाला और अन्य पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र के साथ संतों का विशाल दल मार्च करेगा।

तीनों अखाड़ों का सामूहिक छावनी प्रवेश: ऐतिहासिक एकता का प्रतीक


यह पहली बार है जब तीनों वैष्णव अखाड़े—निर्मोही, निर्वाणी और दिगंबर—एक साथ छावनी प्रवेश करेंगे। यह चावनी प्रवेश न सिर्फ धार्मिकता, बल्कि अखाड़ों के बीच एकता का भी प्रतीक बनेगा, खासकर तब, जब कुछ समय पहले संतों के बीच संघर्ष और गुटबाजी देखने को मिली थी।

मारपीट और विवादों के बावजूद एकता का संदेश


श्री पंच रामानंदी निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष श्री महंत राजेंद्र दास के नेतृत्व में यह शोभायात्रा निकलेगी। हाल ही में भूमि निरीक्षण के दौरान मेला कार्यालय में एक विवाद के चलते महंत राजेंद्र दास के साथ मारपीट हुई थी। इस घटना में महंत राजेंद्र दास ने जूना और निरंजनी अखाड़ों के संतों पर हमले का आरोप लगाया था। इसके बावजूद, आज तीनों अखाड़े एक साथ एकजुट होकर इस चावनी प्रवेश में हिस्सा लेंगे, जो उनके बीच की शक्ति और एकता का प्रमाण होगा।

सनातन धर्म की वैभवता का प्रदर्शन


निर्वाणी अखाड़े के सचिव श्री महंत मुरली दास बताते हैं कि इस शोभायात्रा के माध्यम से सनातन धर्म की महानता और वैभवता दुनिया के सामने आएगी। उनका कहना है कि यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा, जब तीनों अखाड़े एक साथ संस्कृति और शक्ति का प्रदर्शन करेंगे, जिससे विश्व को सनातन परंपराओं की महिमा का अहसास होगा।

प्रोसेशन का मार्ग और विशेषताएँ


यह शोभायात्रा सुबह 11:30 बजे केपी इंटर कॉलेज से शुरू होकर नगर भ्रमण करते हुए काली मार्ग की दक्षिणी पटरी पर स्थित महाकुंभ की छावनी में प्रवेश करेगी। इस यात्रा में ऊंट, घोड़े, रथ, बग्घियाँ, बैंड बाजे और सुंदर झांकियां शामिल होंगी, जो इस आयोजन को दिव्यता और भव्यता का प्रतीक बनाएंगी।

तैयारी बैठक में प्रमुख व्यक्ति


इस ऐतिहासिक आयोजन की तैयारी को लेकर निर्मोही अखाड़े में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें श्री महंत राजेंद्र दास, श्री महंत मुरली दास, रमेश दास, महंत राजेश दास, महेंद्र शिव कुमार दास, महंत भानु पाल दास, महंत गोपाल दास सहित अन्य प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे।

निष्कर्ष:

आज का चावनी प्रवेश न केवल एक धार्मिक कृत्य है, बल्कि यह संस्कृति और एकता की शक्ति का एक बेजोड़ प्रदर्शन होगा। यह आयोजन महाकुंभ के इतिहास में एक यादगार दिन साबित होगा और इसके माध्यम से सनातन धर्म की महिमा का संदेश दुनिया भर में फैलेगा।

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