दिल्ली वायु प्रदूषण: AQI ‘गंभीर’ स्तर पर, घने स्मॉग से घट रही दृश्यता, क्या जल्द ही स्कूल बंद होंगे?

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या हर साल ठंड के मौसम में बढ़ती जा रही है, और इस साल भी हालात गंभीर बने हुए हैं। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है, जिसके कारण शहर में घने स्मॉग की चादर छा गई है। इस धुएं और धुंध की मोटी परत के कारण दृश्यता में कमी आ रही है, जिससे सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा है। सरकार और प्रशासन इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और संभावित कदम उठा सकते हैं, जिनमें स्कूलों को बंद करने का फैसला भी शामिल हो सकता है।

वायु प्रदूषण का कारण

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कई प्रमुख कारण हैं:

  1. पराली जलाना: हर साल सर्दियों में, पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में धान की कटाई के बाद खेतों में पराली जलाई जाती है। इसका धुआं दिल्ली की हवा को बुरी तरह प्रदूषित करता है।
  2. वाहनों से होने वाला प्रदूषण: दिल्ली में भारी वाहनों और अन्य वाहनों की आवाजाही के कारण भी प्रदूषण बढ़ता है। वाहनों से निकलने वाले प्रदूषक तत्व हवा को विषाक्त बना देते हैं।
  3. औद्योगिक उत्सर्जन: दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में कई औद्योगिक इकाइयों का संचालन होता है। इन उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषक भी वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
  4. निर्माण कार्य: राजधानी में विभिन्न निर्माण कार्य भी धूल और अन्य प्रदूषकों का बड़ा स्रोत हैं।

कैसे जानें AQI का स्तर?

AQI (Air Quality Index) हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों के आधार पर वायु की गुणवत्ता को मापने का एक मानक है। इसमें प्रमुख तत्व जैसे कि PM2.5, PM10, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड का स्तर मापा जाता है।

  • AQI 0-50: अच्छा
  • AQI 51-100: संतोषजनक
  • AQI 101-200: मध्यम
  • AQI 201-300: खराब
  • AQI 301-400: बहुत खराब
  • AQI 401-500: गंभीर

दिल्ली का AQI फिलहाल 400 से ऊपर जा रहा है, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है और स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।

स्वास्थ्य पर असर

दिल्ली की जहरीली हवा कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रही है, जिनमें खासकर सांस संबंधी समस्याएं, फेफड़ों की बीमारियां, दिल के रोग और आंखों में जलन शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रदूषित हवा बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए अधिक खतरनाक है।

क्या स्कूल बंद होंगे?

प्रदूषण के इस गंभीर स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का पालन करना और सार्वजनिक स्थानों पर पानी का छिड़काव करना। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार स्कूलों को बंद करने का आदेश देगी।

  • अगर हालात में जल्द ही सुधार नहीं होता, तो बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार स्कूल बंद करने का निर्णय ले सकती है।*

सरकार के द्वारा उठाए गए कदम

  • वाहनों पर प्रतिबंध: कुछ दिनों के लिए दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई है।
  • निर्माण कार्यों पर रोक: आवश्यक निर्माण कार्यों को छोड़कर अन्य सभी निर्माण गतिविधियों को फिलहाल बंद कर दिया गया है।
  • पानी का छिड़काव: सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि धूल के कण कम से कम हवा में जाएं।
  • पर्यावरण जागरूकता अभियान: लोगों को मास्क पहनने और जरूरी न होने पर घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है।

क्या हम स्वयं क्या कर सकते हैं?

दिल्ली की जनता भी इस स्थिति में कुछ एहतियात बरत सकती है:

  1. घर में रहें: जब तक जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें।
  2. मास्क पहनें: N95 मास्क का इस्तेमाल करें जो धूल और प्रदूषक कणों को रोक सके।
  3. एयर प्यूरीफायर का प्रयोग: घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
  4. प्रदूषण को कम करने में योगदान दें: जितना हो सके निजी वाहनों का उपयोग कम करें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक उपयोग करें।

निष्कर्ष

दिल्ली की प्रदूषित हवा से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। सरकार और प्रशासन स्थिति से निपटने के प्रयास में जुटे हुए हैं। यह समय है कि हम सभी मिलकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए योगदान दें ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।

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