दिल्ली में दिवाली से पहले ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता, पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद समस्या बनी हुई है
दिवाली के त्योहार की शुरुआत के साथ ही दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है, लेकिन यह अभी भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। सोमवार की सुबह, राष्ट्रीय राजधानी का 24-घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 264 दर्ज किया गया, जो कि पिछले दिन की तुलना में लगभग 90 अंक कम है। हालांकि, यह आंकड़ा अब भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में AQI
- डिफेंस कॉलोनी में AQI 324 पर पहुंच गया है, जो प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी को दर्शाता है।
- पितामपुरा में, AQI 167 दर्ज किया गया है, जो कुछ हद तक सुधार दर्शाता है।
हालांकि, पिछले दो दिनों में AQI में भारी गिरावट आई थी, लेकिन अब हवा की गति में कमी के कारण प्रदूषकों का फैलाव नहीं हो पा रहा है।
दिवाली के चलते प्रदूषण की संभावनाएँ
जैसे-जैसे दिवाली का जश्न शुरू हो रहा है, दिल्ली का AQI और बिगड़ सकता है। रविवार को, AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया, जहां कुछ क्षेत्रों में ‘गंभीर’ प्रदूषण स्तर देखा गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का 24-घंटे का औसत AQI 4 बजे 355 दर्ज किया गया, जो शनिवार के 255 से अधिक है।
वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार के कदम
दिवाली और आगामी शीतकालीन मौसम के मद्देनजर, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना और धूल प्रदूषण को रोकना शामिल है।
- पटाखों पर प्रतिबंध:
- दिल्ली-एनसीआर में सभी पारंपरिक पटाखों पर प्रतिबंध लगा हुआ है, केवल हरे पटाखों की अनुमति है।
- दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर रोक लगा दी है, जो 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा।
- गंभीर प्रतिक्रिया योजना (GRAP):
- अक्टूबर 21 से GRAP स्टेज 2 को सक्रिय किया गया है, जब AQI 301 से 400 के बीच हो।
हालांकि, गुरुग्राम में पटाखों की तस्करी और डोरस्टेप डिलीवरी से प्रदूषण की समस्या बढ़ने की संभावना है, जिससे दिल्ली में प्रदूषण और अधिक बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
दिल्ली में वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए कदमों के बावजूद, त्योहारी सीजन में प्रदूषण को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। नागरिकों को भी अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ानी चाहिए।