I Want To Talk मूवी रिव्यू: शुजित सरकार और अभिषेक बच्चन ने खामोशी से किया संवाद
शुजित सरकार की नई फिल्म I Want To Talk में अभिषेक बच्चन मुख्य भूमिका में हैं और यह फिल्म अर्जुन सेन की कहानी कहती है, जो एक मार्केटिंग जीनियस है और कैंसर जैसी जीवन बदलने वाली बीमारी से जूझ रहा है। फिल्म में अर्जुन अपने कैंसर के निदान से लेकर जीवन की अन्य कठिनाइयों तक का सामना करता है।
समीक्षा संक्षेप में:
- शुजित सरकार ने I Want To Talk में खामोशी का इस्तेमाल मास्टरली तरीके से किया है, जिससे अर्जुन सेन की कहानी और भी गहरी हो गई है।
- अभिषेक बच्चन ने अर्जुन सेन के रूप में एक शानदार और परफेक्ट प्रदर्शन किया है।
संगीत और खामोशी का प्रभाव
जहां फिल्म का संगीत ड्रामा को उभारता है, वहीं वह खामोशी जो फिल्म के हर पल में गूंजती है, वह उसे एक नई ऊँचाई पर ले जाती है। लंबे मौन क्षणों में न केवल पात्रों को, बल्कि दर्शकों को भी अपने भीतर झांकने का समय मिलता है। ये खामोशी दर्शक को कहानी में और गहरे से जोड़ती है, जिससे सिनेमा का अनुभव और भी भावनात्मक और यादगार बनता है।
अभिषेक बच्चन ने अर्जुन सेन के किरदार में ऐसा प्रदर्शन दिया है कि शब्दों की आवश्यकता ही महसूस नहीं होती। उनका अभिनय, उनके चेहरे की हलचल और शरीर की भाषा ने इस कहानी को एक अलग ही रूप दिया है, जो दर्शकों के दिलों में जगह बना लेता है।
इस फिल्म के इन मौन पलों का इस्तेमाल, न केवल संवादों के बिना कहानी कहने का एक तरीका है, बल्कि यह फिल्म की आत्मा को उभारता है।
निष्कर्ष
I Want To Talk एक ऐसी फिल्म है जो केवल शब्दों से नहीं, बल्कि खामोशी और अभिषेक बच्चन के अद्वितीय अभिनय से भी दर्शकों के दिलों में घर कर जाती है। शुजित सरकार की यह फिल्म एक भावनात्मक यात्रा है, जो जीवन के संघर्षों और हिम्मत के बारे में बहुत कुछ सिखाती है।