एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भगोड़े भाई अनमोल बिश्नोई को संयुक्त राज्य अमेरिका में औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया है। भारत ने उनकी प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि उन्हें पहले कनाडाई अधिकारियों के हवाले किया जाएगा, जहां वह खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित रूप से शामिल हैं। इस लेख में हम अनमोल की गिरफ्तारी और उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में आने वाली कानूनी जटिलताओं पर चर्चा करेंगे।
अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी
सूत्रों के अनुसार, अनमोल बिश्नोई को अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया, जब उनके पास से जाली यात्रा दस्तावेज़ पाए गए। यह गिरफ्तारी कैलिफोर्निया में पिछले हफ्ते अमेरिकी आव्रजन विभाग द्वारा की गई। अनमोल कुछ महीनों से फरार था और बताया जाता है कि उसने फर्जी पासपोर्ट के माध्यम से देश छोड़ दिया था। भारत ने दिसंबर 2022 में उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, और उनकी गिरफ्तारी के लिए अनुरोध किया था।
कनाडा की भूमिका
हालांकि भारत ने अनमोल की प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक रूप से अनुरोध किया है, लेकिन यह संभावना जताई जा रही है कि उन्हें पहले कनाडाई अधिकारियों को सौंपा जाएगा। कनाडा सरकार उनकी कथित भूमिका की जांच कर रही है, जो खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, कनाडा उनकी जांच पहले पूरा करेगा, जिसके बाद भारत को उनकी कस्टडी मिल सकती है। यह स्थिति जटिल बनाती है, क्योंकि अनमोल की प्रत्यर्पण प्रक्रिया में कई अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दे शामिल हो सकते हैं।
महत्वपूर्ण अपराधों में संलिप्तता
अनमोल बिश्नोई कई गंभीर अपराधों में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन्हें मई 2022 में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में संलिप्त होने का संदेह है, जिसने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया था। मूसेवाला की हत्या के बाद, अनमोल के बारे में खबरें आईं कि वह अंडरग्राउंड हो गए थे। इसके अलावा, वह मुंबई में अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर हुई गोलीबारी के मामले में भी शामिल बताए जा रहे हैं, जो इस साल अप्रैल में हुआ था।
अनमोल पर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या में भी शामिल होने का आरोप है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उनकी गिरफ्तारी पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है, और उनके खिलाफ चार्जशीट भी दायर की है।
निष्कर्ष
अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण का मामला अब एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी लड़ाई में बदल चुका है। भारत और कनाडा दोनों ही इसे लेकर अपने-अपने दृष्टिकोण से काम कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि भविष्य में इस मामले का क्या हल निकलता है और अनमोल बिश्नोई की कस्टडी किस देश को पहले मिलती है।