जम्मू और कश्मीर में 6 साल बाद हटाया राष्ट्रपति शासन, नई सरकार बनने की उम्मीद जल्द
Jammu and Kashmir News: जम्मू और कश्मीर की राजनीति में हाल ही में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। 6 सालों के बाद, आखिरकार जम्मू और कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया है, जिससे अब केंद्र शासित प्रदेश में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस गठबंधन ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की है, जिसके बाद अब यह गठबंधन सरकार बनाने के लिए तैयार है।
राष्ट्रपति शासन हटने के बाद क्या बदला?
जम्मू और कश्मीर में 31 अक्टूबर, 2019 से केंद्रीय शासन लागू था, जो अब खत्म हो गया है। इस दौरान राज्य को केंद्र द्वारा सीधे नियंत्रित किया जा रहा था, लेकिन अब नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा रविवार को एक गजट अधिसूचना जारी की गई, जिसमें यह घोषणा की गई कि जम्मू और कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया है।
नई सरकार का गठन कब?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी और इसके साथ ही नई सरकार का गठन हो जाएगा।
गठबंधन की जीत का असर
NC और कांग्रेस गठबंधन ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ, उमर अब्दुल्ला को गठबंधन का नेता चुना गया है और वे जम्मू और कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। यह गठबंधन राज्य की राजनीतिक स्थिति में स्थिरता लाने की उम्मीद कर रहा है, जो कि लंबे समय से अस्थिर थी।
राष्ट्रपति शासन हटाने की अधिसूचना में क्या कहा गया?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना में कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत राष्ट्रपति शासन को अब समाप्त कर दिया गया है। यह निर्णय नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से पहले लिया गया है, जो राज्य में सरकार के गठन की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाता है।
6 साल बाद जम्मू और कश्मीर को मिली नई दिशा
जम्मू और कश्मीर में 2017 से ही राष्ट्रपति शासन लागू था। जब तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद इस्तीफा दे दिया था, तब से राज्य में केंद्रीय शासन लागू था। 2019 में पुनर्गठन के बाद से जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था, और तब से केंद्र सरकार के अधीन था। अब 6 साल बाद, राज्य को अपनी नई सरकार मिलने जा रही है, जिससे यहां की जनता को नई उम्मीदें हैं।