मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की भारत यात्रा: भारत-मालदीव संबंधों में नया अध्याय

मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के तहत भारत आ चुके हैं। यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से हो रही है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिससे दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

एस. जयशंकर से राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू की मुलाकात

रविवार की रात राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात के बारे में एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने लिखा, “राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू से उनकी भारत यात्रा की शुरुआत में मिलकर बेहद खुशी हुई। मैं दोनों देशों के रिश्तों को और मज़बूत बनाने के लिए उनके प्रयासों की सराहना करता हूँ।”

विदेश मंत्री जयशंकर ने इस पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के बीच होने वाली बैठक का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि यह बैठक भारत-मालदीव संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी।

भारत से उम्मीदें और मालदीव का आर्थिक संकट

अपनी यात्रा से पहले बीबीसी से बातचीत में राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने मालदीव के आर्थिक संकट पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मालदीव भारी कर्ज़ और आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। सितंबर 2024 में मालदीव का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर केवल 440 मिलियन डॉलर रह गया था, जो सिर्फ डेढ़ महीने के आयात के लिए पर्याप्त है। इस संकट के बीच राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने भारत से मदद की उम्मीद जताई।

उन्होंने कहा, “भारत हमारे विकास में सबसे बड़ा भागीदार रहा है और वह हमारी स्थिति से भली-भांति अवगत है। हमें पूरा भरोसा है कि भारत हमारी चुनौतियों का समाधान ढूंढने में मदद करेगा।”

भारत-मालदीव संबंधों की अहमियत

भारत और मालदीव के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत संबंध रहे हैं, जो न केवल सांस्कृतिक और आर्थिक मामलों में बल्कि सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों में भी अहम हैं। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में एक रणनीतिक स्थान पर स्थित है, जिससे भारत के लिए यह देश सुरक्षा और समुद्री व्यापार में महत्वपूर्ण हो जाता है।

निष्कर्ष और भविष्य की संभावनाएं

राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू की यह यात्रा भारत-मालदीव संबंधों में एक नई दिशा तय करेगी। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, और सुरक्षा के मुद्दों पर कई नए समझौते हो सकते हैं।

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