यूपी में रातभर पार्किंग के लिए नई व्यवस्था: जानें क्या है नियम और शुल्क
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नगर निगम क्षेत्र में रातभर सड़क किनारे गाड़ी पार्क करने वालों के लिए अब नई शर्तें लागू की जा रही हैं। अब आपको रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक पार्किंग शुल्क का भुगतान करना होगा। आइए, इस नए नियम की पूरी जानकारी लेते हैं।
पार्किंग शुल्क की नई व्यवस्था
उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग ने सार्वजनिक सड़कों और स्थानों पर रात्रिकालीन पार्किंग शुल्क वसूलने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
- रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रभावी।
- शुल्क की श्रेणियाँ:
- प्रति रात: ₹100
- साप्ताहिक: ₹300
- मासिक: ₹1,000
- वार्षिक: ₹10,000
- बिना परमिट पार्किंग करने वालों से तीन गुना शुल्क लिया जाएगा।
अवैध पार्किंग पर काबू
इस नए प्रस्ताव के पीछे एक उद्देश्य यह भी है कि यूपी में अवैध पार्किंग की समस्याओं पर काबू पाया जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विषय पर नगर विकास विभाग को स्पष्ट नीति लाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है।
आबादी के अनुसार शुल्क
नई नीति के तहत, 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में:
- दो पहिया वाहनों के लिए मासिक पास: ₹855
- चार पहिया वाहनों के लिए मासिक पास: ₹1,800
- दो घंटे पार्किंग के लिए: ₹15 (दो पहिया) और ₹30 (चार पहिया)
- एक घंटे पार्किंग के लिए: ₹7 (दो पहिया) और ₹15 (चार पहिया)
छोटे शहरों के लिए शुल्क
10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में:
- दो पहिया वाहनों के लिए मासिक पास: ₹600
- चार पहिया वाहनों के लिए मासिक पास: ₹1,200
- दो घंटे पार्किंग के लिए: ₹10 (दो पहिया) और ₹20 (चार पहिया)
- एक घंटे पार्किंग के लिए: ₹5 (दो पहिया) और ₹10 (चार पहिया)
क्या है इसका उद्देश्य?
नगर विकास विभाग का मानना है कि यह नई पार्किंग नीति न केवल आय में वृद्धि करेगी, बल्कि पार्किंग व्यवस्था को भी बेहतर बनाएगी। बड़ी कंपनियों को पार्किंग ठेकों में भाग लेने का मौका मिलेगा, और मल्टीलेवल कार पार्किंग की सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
निष्कर्ष
इस नई व्यवस्था से यूपी में पार्किंग की समस्या को नियंत्रित किया जा सकेगा। यदि आप पार्किंग की नई शर्तों के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर बने रहें।