यमुना में ‘जहर’ बयान पर चुनाव आयोग की सख्ती, अरविंद केजरीवाल से मांगा जवाब

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। चुनाव आयोग (EC) ने उनके ‘यमुना के पानी में जहर’ वाले बयान को लेकर एक बार फिर नोटिस जारी किया है और कई सवालों के जवाब मांगे हैं।

EC का नोटिस: किन सवालों के जवाब देने होंगे केजरीवाल को?

चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में अरविंद केजरीवाल से सीधे और सख्त सवाल पूछे हैं:

  • पानी में जहर मिलाने का आरोप किस आधार पर लगाया गया?
  • यह जहर कहां और कैसे मिलाया गया?
  • कौन सा जहरीला तत्व इसमें मौजूद था?
  • इस दावे को साबित करने के लिए क्या वैज्ञानिक परीक्षण किया गया?
  • इस बयान का आधार क्या था और इसका मकसद क्या था?

आयोग ने केजरीवाल को इन सवालों के स्पष्ट जवाब देने के लिए 31 तारीख तक का समय दिया है।

EC की सख्त चेतावनी: कार्रवाई की तलवार लटकी

PTI के मुताबिक, निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल को चेतावनी दी है कि यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने को नदी के जहरीले होने से जोड़कर भ्रम फैलाने की कोशिश न करें। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके बयान से विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ सकता है। ऐसे में यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

केजरीवाल की सफाई: BJP पर लगाया आरोप

इससे पहले, बुधवार को केजरीवाल ने चुनाव आयोग को 14 पन्नों का जवाब भेजा था। उन्होंने तर्क दिया कि उनका बयान दिल्ली में पेयजल की खराब गुणवत्ता और स्वास्थ्य संकट को लेकर था। उन्होंने भाजपा शासित राज्यों से आने वाले कच्चे पानी की “गंभीर विषाक्तता और प्रदूषण” पर सवाल उठाए थे। केजरीवाल ने अपने जवाब में यह भी कहा कि उनके बयान का उद्देश्य जनता को सतर्क करना था, न कि किसी को बदनाम करना।

राजनीतिक माहौल गरमाया, चुनावी माहौल पर असर?

इस मामले ने दिल्ली चुनावी माहौल को और गरमा दिया है। भाजपा ने केजरीवाल के बयान को झूठा और भ्रामक बताते हुए उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है, वहीं आप समर्थक इसे जल संकट पर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश बता रहे हैं। अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग के फैसले का चुनावी नतीजों पर कितना असर पड़ता है।

निष्कर्ष: 

अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या केजरीवाल चुनाव आयोग को संतोषजनक जवाब दे पाएंगे या उन्हें किसी तरह की सजा का सामना करना पड़ेगा। इस मुद्दे पर आगे क्या कार्रवाई होगी, यह 31 तारीख को उनके जवाब के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।

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